Tuesday, December 10, 2019

नागरिकता संशोधन विधेयक: मानवाधिकार क़ानून का उल्लंघन: इमरान ख़ान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने नागरिकता संशोधन विधेयक को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों का सरासर उल्लंघन बताया है.

उन्होंने ट्वीट करके कहा है, "भारतीय लोकसभा में जो नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हुआ है वो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों का उल्लंघन है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. यह फासीवादी मोदी सरकार की ओर से आरएसएस के हिंदू राष्ट्र के डिज़ाइन का ही विस्तार है."

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर पाकिस्तान के सोशल प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पाकिस्तान के ट्विटर का टॉप ट्रेंड है. इसके अलावा मुस्लिम और मोदी भी पाकिस्तान में ट्विटर के टॉप दस ट्रेंड में शामिल हैं.

नागरिकता संशोधन विधेयक को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में आसानी से पास करवा लिया. लोकसभा में बीजेपी के पास खुद अकेले दम पर बहुमत है. इस विधेयक पर वोटिंग के दौरान बीजेपी के 303 लोकसभा सदस्यों समेत कुल 311 सासंदों का समर्थन हासिल हुआ.

अब राज्यसभा में इस विधेयक को रखा जाना है. जहां से पास होने की स्थिति में ही यह क़ानून की शक्ल लेगा. बीजेपी ने 10 और 11 दिसंबर को अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है.

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में कई दिनों से चल रहे विवाद के बाद आख़िरकार संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में सहायक प्रोफ़ेसर के तौर पर नियुक्त फ़िरोज़ ख़ान को इस्तीफ़ा देना पड़ा. हालांकि बताया जा रहा है कि उनकी नियुक्ति आयुर्वेद विभाग में ही उसी पद पर हो चुकी है लेकिन उस पद पर उन्होंने कार्यभार कर लिया है या नहीं, विश्वविद्यालय से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रोफ़ेसर कौशलेंद्र पांडेय ने फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति का विरोध करते हुए धरने पर बैठे छात्रों को इस बारे में जानकारी दी. प्रोफ़ेसर पांडेय ने फ़िरोज़ ख़ान के इस्तीफ़े की ख़बर को धरनारत छात्रों को पढ़कर सुनाया.

उन्होंने कहा, "आपकी भावनाओं एवं अनुरोध के अनुरूप आप सभी को सूचित करना है कि संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर नियुक्त डॉक्टर फ़िरोज़ ख़ान ने दिनांक 9 दिसंबर 2019 को असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, साहित्य विभाग से अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. अत: सभी छात्रों से अनुरोध है कि आप अध्ययन-अध्यापन एवं परीक्षा में संलग्न हो जाएं."

बताया जा रहा है कि डॉक्टर फ़िरोज़ ख़ान ने सोमवार देर शाम ही संकाय के प्राध्यापकों की उपस्थिति में इस्तीफ़ा सौंप दिया था. हालांकि इसकी जानकारी लोगों को काफ़ी देर बाद दी गई. इस बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन अथवा फ़िरोज़ ख़ान से भी कोई बात नहीं हो सकी है. लेकिन संकाय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर पांडेय ने बताया कि डॉक्टर फ़िरोज़ ख़ान ने इस्तीफ़ा दे दिया है और उसे स्वीकार भी कर लिया जाएगा.