Monday, February 25, 2019

卫健委:中国免疫规划疫苗接种率持续保持在90%以上

  中新网2月25日电 全国政协委员、中国疾控中心主任高福25日表示,大家不要对疫苗可防控疾病的疫苗免疫、疫苗接种失去信心,更不要对中国的疫苗失去信心,中国免疫规划疫苗的接种率持续保持在90%以上,有这样的覆盖率,传染病可以得到很好的防控。

  25日,卫健委就全国“两会”代表委员谈健康举行例行发布会。会上中国疾控中心主任高福介绍过去一年来我国在疾病预防控制和公共卫生方面所做的工作。

  高福介绍,过去一年里,疾病预防控制主要工作之一,就是不断地在完善在疾病预防控制方面的法律法规、政策体系。目前在疾控工作直接相关的法律现在有八部,行政法规有十部,部门规章有十七部,工作规划或者行动计划有十八个,可以看到在这个疾病预防控制方面已经形成了比较好的完善的法律法规政策体系,这是国家法治的一个典型代表。去年一年在卫生健康委党组的领导下,疾病预防控制公共卫生战线的同志们在这方面做了大量的工作,现在已经初步建立了疾控机构医院、基层医疗卫生机构分工协作、上下联动、优势互补的重大疾病的防、治、管这样的服务网络。实现了对39种法定传染病病例、个案信息和突发公共卫生事件的实时在线监测、实名登记、慢病防控等一系列体系的建设。

  高福继续补充了中国在疾病预防控制和公共卫生方面所做的其它几个方面工作:

  在传染病、地方病和职业病防控上取得了很大的成效。中国有疫苗可防控疾病,尽管去年以来有这个事件、那个事件可能跟疫苗有关系,但是大家不要对疫苗可防控疾病的疫苗免疫、疫苗接种失去信心,更不要对中国的疫苗失去信心,我国免疫规划疫苗的接种率持续保持在90%以上,有这样的覆盖率,传染病可以得到很好的防控。在艾滋病、结核病、血吸虫病这一系列的重点疾病方面去年一年以来取得了比较好的成就。地方病,碘缺乏症,已经有全国94.2%的县保持消除碘缺乏症,也对一些重点职业病、信息化建设去年开通了好多网络建设。

  慢性病防治和精神卫生工作稳步推进。全国建成365个国家级慢性病综合防控示范区,在这方面确实发挥了以点代面,推动整体,带动全国,这是通过示范区发挥示范作用,通过这样的示范最后在全国进行推广。在癌症的早诊早治、心血管疾病的高危筛查干预、口腔疾病的综合干预等等都做了大量的工作,这些工作是最容易让老百姓有获得感,有了获得感就会有幸福感。同时,贯彻落实精神卫生法,会同22个部门印发了《关于加强心理健康服务的指导意见》,在精神卫生方面做了大量的工作。

  环境健康和学校卫生工作的加强。全国环境健康卫生的监测网络,中国的覆盖面逐年在加强,现在覆盖率是所有县区县内和90%以上的乡镇有关饮用水,人类整个寿命的延长,其实最重要的一个问题解决了饮用水,饮用水是很关键的,然后才解决了传染病。有关环境健康方面做了大量工作。学校卫生工作,尤其是在解决“小眼镜”也就是近视,小胖墩也就是肥胖这方面做了大量的工作,2018年8个部门联合印发了《综合防控儿童青少年近视实施方案》,联合教育部、财政部开展儿童青少年近视的调查工作,加强专业指导和健康宣传。

Tuesday, February 19, 2019

Zara雀斑女模广告引发中国“美女”定义争论

中国社交媒体日前因一则广告而波澜再起——这一切源于一名女模特脸上的雀斑。

在西班牙时装品牌Zara(飒拉)发布的一组新彩妆产品广告中,中国模特李静雯的雀斑形象引发人们的强烈关注。

中国官媒《环球时报》称,李静雯脸上的雀斑是她的“标志性”形象之一,但这在中国社交媒体引发争论,因为在中国,有雀斑的人并非多数。

一些人称,她在广告中的形象“丑化”了中国人,也有人持相反观点,认为这种广告多多益善,可以帮助人们接受自然美。

“我真的很讨厌雀斑”
来自中国南方广州的李静雯,在过去五年里已成为模特界熟悉的面孔。

她曾为很多奢侈品牌和平价品牌做过模特,包括CK和H&M。

李静雯没有回应广告所引发的争议,但她曾谈及早年对脸上长了雀斑的不安全感。2016年10月,她在接受《时尚》(Vogue)杂志采访时说:“当我小的时候,真的很讨厌雀斑,因为亚洲人通常不会长这些。”

“在高中时,我总是想把它们盖起来,但现在无所谓了。我喜欢它们,这就足够了。”

几十年来,无论是在中国,还是在东亚其他地区,拥有白皙无瑕的皮肤一直是人们首选的美容标准。

因此,她在Zara最新广告上的露面才会引发争议,并受到一些微博网友的强烈反对。

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在上周五(2月15日)Zara发布广告后,很多中国人对其决定邀请一名有雀斑的模特表示困惑。有人说李静雯的长相在他们看来很“难看”。

更激进的网友则质疑Zara在“侮辱”或“中伤”中国人。有人称,“一名长着雀斑的亚洲模特和一张面无表情的大饼脸,误导了西方人对亚洲女性的印象,并可能导致针对亚洲女性的种族主义。”

“审美多样性”
中国视频网站“梨视频”采访了Zara的一名负责人。他表示,这些广告面向全球市场,而非仅仅中国市场。负责人称,“西班牙人审美观不同。我们对模特只是单纯摄影,图片没有任何修改。”

他们还驳斥了李静雯“丑化”的说法:“她一直长这样,照片是自然状态下拍摄,完全没有PS。”

Zara的回应再度引发数以万计微博用户在#ZARA回应丑化中国模特#的话题下留言。一些人赞扬Zara在广告中没有对李静雯进行PS,并对批评李静雯的人表示愤怒。

Wednesday, February 13, 2019

स्विगी से मंगाया खाना, निकला बैंडऐड

इन दिनों घर या दफ़्तर में बैठे-बैठे खाना ऑर्डर करना बेहद आम हो गया है. लेकिन अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो खाना खाने से पहले जांच ज़रूर लें.

ऐसा ना करना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया. उन्होंने स्विगी की मदद से एक रेस्तरां से चिकन शेज़वान चोप सोए ऑर्डर किया था.

लेकिन जब वो उसे खाने बैठे तो कुछ सोए खाने के बाद पैकेट में अजीब सी चीज़ दिखी, जो हक़ीक़त में इस्तेमाल की गई बैंडऐड थी.

बालामुरुगन दीनदयाल का कहना है कि वो आधा खाना खा चुके थे जब उन्हें ये बैंडऐड दिखा.

डिलिवरी ऐप स्विगी को टैग कर लिखे पोस्ट में दीनदयाल ने लिखा, "छी! आधा खाने के बाद मुझे ये सना हुआ बैंडऐड मिला. मैंने रेस्टोरेंट से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि वो इसके बदले दूसरा खाना भेज देंगे. कौन दोबारा ऐसा गंदा खाना खाना चाहेगा. मैंने स्विगी से बात करने की कोशिश भी की. लेकिन खाना डिलीवर होने के बाद उनसे कॉल पर सीधे बात करने का कोई विकल्प ही नहीं है. उनसे सिर्फ़ चैट पर बात की जा सकती है, लेकिन वो वहां भी जवाब नहीं दे रहे."

बालामुरुगन ने लिखा कि वो रेस्टोरेंट और स्विगी दोनों पर मुक़दमा करना चाहते हैं. "क्योंकि स्विगी ने ऐसे रेस्टोरेंट से पार्टनरशिप कर रखी है, जो साफ़-सफ़ाई की छोटी-मोटी चीज़ों का भी ख़्याल नहीं रखते - जैसे हैंड ग्लव्स इस्तेमाल करना और उंगलियों में ज़ख़्म होने पर कर्मचारियों को किचन में ना आने देना."

इसके बाद स्विगी ने बालामुरुगन दीनदयाल की इस पोस्ट पर कमेंट कर सफ़ाई दी.

स्विगी ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि हम इस मामले की कड़ी जांच करेंगे और रेस्टोरेंट से बात कर पता लगाएंगे कि आख़िर ये सब कैसे हुआ.

बालामुरुगन की इस पोस्ट पर कई और लोगों ने भी कमेंट किए. एक ने कमेंट में ही बताया कि उसके साथ भी ऐसा ही हुआ था.

पाखी शर्मा ने कहा, "कुछ दिन पहले मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था. बंगलुरु स्थित विगनन नगर के चेल्लाप्पस से बिरयानी ऑर्डर की थी, जिसमें मुझे मरा हुआ कॉकरोच मिला. मैंने स्विगी से इसकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने मुझे बदले में दूसरा खाना देने की पेशकश की. हद है."

इस पर भी स्विगी ने जवाब देकर कहा कि वो रेस्टोरेंट से इस बारे में बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों.

बालामुरुगन दीनदयाल के इस पोस्ट पर और भी कई लोगों ने अपनी-अपनी शिकायतें की.

कुछ दिन पहले भी दक्षिण भारत के मदुरै में ऐसी ही हैरान कर देने वाली घटना सामने आई थी. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें ज़ोमैटो का एक डिलिवरी मैन डब्बा खोलकर ग्राहक का खाना खा जाता है और फिर उस डब्बे को दोबारा बंद कर देता है.

वीडियो सामने आने के बाद उस डिलिवरी मैन को नौकरी से निकाल दिया गया था.

इस तरह की घटनाओं के बाद से देश की डिलिवरी इंडस्ट्री को लेकर बहस छिड़ गई है. लेकिन डिलिवरी मैन को नौकरी से निकालने जाने के बाद कई लोगों ने इस पेशे में मौजूद लोगों के काम के घंटों, मुश्किल स्थितियों और कम तनख़्वाह को लेकर सहानुभूति भी जताई थी.

लाखों कर्मचारी
ऐप आधारित डिलिवरी भारत में हाल ही में शुरू हुई है. लेकिन कुछ वक़्त में ही ये इंडस्ट्री काफ़ी विस्तार ले चुकी है. खाने के अलावा लोग किराने का सामाना और फ़र्नीचर तक डिलिवरी के ज़रिए घर मंगाने लगे हैं.

ज़ोमैटो के मुताबिक़ उसने डिलिवरी के काम के लिए भारत में क़रीब 15 लाख लोगों को नौकरी पर रखा है.

वहीं क़रीब एक लाख लोग डिलिवरी ऐप स्विगी के लिए काम कर रहे हैं.

कई कंपनियां ये जानकारी सार्वजनिक नहीं करतीं कि वो हर महीने कितना खाना या सामान डिलिवर कर रही हैं. लेकिन हाल ही में ज़ोमैटो ने एक बयान जारी कर दावा किया था कि वो हर महीने क़रीब 2.1 करोड़ फूड ऑर्डर डिलिवर कर रही है.

Wednesday, February 6, 2019

दिमाग लगाने वाला काम सुबह करना ठीक या शाम को?

परीक्षा की तैयारी के लिए सुबह उठकर पढ़ाई किया करो- भारत में छात्रों के लिए मां-बाप की यह सामान्य सलाह होती है.

क्या इस सलाह समझदारी भरी है? क्या सुबह की पढ़ाई ही सबसे बेहतर है?

हमारा दिमाग एकदम सही, सुचारू रूप से चलने वाली मशीन नहीं है. दिन के अलग-अलग समय हमारी प्रतिक्रियाएं एक जैसी नहीं होतीं.

भोजन के बाद एकाग्रता घटती है, यह शायद आपने भी महसूस किया होगा. लेकिन हमारी स्नायविक प्रतिक्रियाओं में दोपहर के भोजन के बाद के आलस्य की अपेक्षा कहीं अधिक उतार-चढ़ाव आता है.

सवाल है कि हम उन संकेतों को कैसे पकड़ सकते हैं कि काम के दौरान हमारा दिमाग बदल रहा है?

अगर आपको पता चल जाता कि आपका प्रदर्शन कब चरम पर होगा तो क्या आप अपने दिन की योजना अलग बनाते?

स्नायविक बदलावों पर ध्यान देकर क्या आप अपने दिमाग को एक बेहतर श्रमिक बना सकते हैं?

सुबह में तनाव वाले काम
अगर सुबह उठकर काम करने में आपको परेशानी होती है तो खुद को इसके लिए मजबूर मत करें.

कुछ मशहूर बिजनेस लीडर्स और फ़िटनेस के प्रति अतिरिक्त सतर्क रहने वाले सेलिब्रिटीज़ की सलाह के बावजूद यह जरूरी नहीं कि सोने का पैटर्न बदल देने से आपका प्रदर्शन सुधर जाएगा.

फिर भी सुबह का समय दिन का महत्वपूर्ण हिस्सा है. जापानी श्रमिकों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सुबह में हम तनाव से भरे कामों को बेहतर तरीके से करते हैं.

श्रमिकों को जगने के 2 घंटे बाद या 10 घंटे बाद एक तनाव परीक्षण से गुजरने का विकल्प दिया गया.

मकसद यह देखना था कि वे काम की शुरुआत में ही इसे करना चाहते थे या दिन के अंत में दफ़्तर छोड़ते समय

अध्ययन से पता चला कि सुबह के परीक्षण के बाद कर्मचारियों में कार्टिसोल का स्तर बहुत बढ़ गया, लेकिन शाम के परीक्षण के बाद ऐसा नहीं हुआ.

जापान की होक्काइडो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर युजिरो यामानाका कहते हैं, "कार्टिसोल हमारे शरीर की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह लड़ो-या-भागो अनुक्रिया में शामिल मुख्य हार्मोन है."

कार्टिसोल रिलीज़ न हो तो शरीर की इस अनुक्रिया के अहम हिस्से नहीं हो पाते. यह हार्मोन रक्तचाप को नियंत्रित करता है और रक्त में सुगर के स्तर को भी बढ़ाता है.

यह सुनिश्चित करता है कि अगर आप तनाव में हैं तो घबराहट महसूस न करें, बल्कि आपका दिमाग चौकन्ना रहे और कुछ करने के लिए आपमें ऊर्जा भी रहे.

यह हार्मोन किसी तनावपूर्ण घटना के बाद संतुलन बहाल करता है. तनाव से भरी सुबह के बाद आप फिर से सामान्य होने में सक्षम होंगे.

अगर यह शाम में होता है तो यह आपके दिमाग में चलता रहेगा.

दिन के दूसरे हिस्से में बार-बार तनावपूर्ण घटनाएं हों तो मोटापा, टाइप-2 मधुमेह और अवसाद जैसी लंबी चलने वाली बीमारियां हो सकती हैं.

यामानाका कहते हैं, "यदि आप शाम में तनाव से बचकर रहें तो सुबह तनाव से भरे काम बेहतर तरीके से कर सकते हैं."

जल्दी शुरुआत में मदद करने के लिए हो सकता है कि सुबह में कार्टिसोल का स्तर अधिक हो.

मैड्रिड की कंप्लूटेंस यूनिवर्सिटी की मनोवैज्ञानिक क्रिस्टिना इस्क्रिबानो बैरेनो कहती हैं, "सभी लोग सुबह के समय अधिक प्रभावी नहीं होते."

"जो जागे सो पावे, जो सोये सो खोवे" जैसी कहावतें बताती हैं कि हमारे जीवन में सुबह का क्या महत्व है. इसलिए जो लोग सुबह में काम करना पसंद करते हैं, वे फ़ायदे में रहते हैं.

सुबह या शाम का व्यक्ति होना कई चीजों से प्रभावित होता है. जैसे- उम्र, लिंग, सामाजिक और पर्यावरणीय कारक वगैरह.

Monday, February 4, 2019

ये तो कुछ नहीं! लालू को गिरफ्तार करने में CBI के छूटे थे पसीने, सेना से मांगी थी मदद

रविवार की रात कोलकाता पुलिस ने सीबीआई को अपनी ताकत दिखाई. शारदा चिट फंड घोटाले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने के लिए गई सीबीआई टीम को हिरासत में ले लिया गया. सबको ऐसा लगता है कि कोलकाता पुलिस बनाम सीबीआई या ममता बनर्जी बनाम केंद्र का यह टकराव ऐतिहासिक स्तर का है, लेकिन लालू के बारे में ऐसे ही एक मामले का सच जानकर आप हैरान हो जाएंगे.

नब्बे के दशक में इससे भी ज्यादा हैरान करने वाला वाकया हुआ था, जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के तत्कालीन जॉइंट डायरेक्टर यू.एन. बिस्वास चारा घोटाले की जांच कर रहे थे. साल 1997 की बात है, बिस्वास राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को गिरफ्तार करना चाहते थे. तब राज्य में राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं. बिहार के पूर्व सीएम लालू सीबीआई से जबर्दस्त टकराव मोल ले रहे थे. जब लालू के खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट को तामील करने में कोई मदद नहीं मिली तो आप सोच नहीं सकते कि बिस्वास ने क्या किया? उन्होंने सीबीआई के पटना स्थ‍ित एसपी से कहा कि वह लालू प्रसाद को गिरफ्तार करने के लिए सेना की मदद लें.

सीबीआई चारा घोटाले के सिलसिले में लालू को गिरफ्तार करना चाहती थी और उसने सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं. लेकिन राज्य सरकार की मशीनरी इसमें अड़चन डाल रही थी.

राज्य सरकार के बाधक रवैए को देखते हुए सीबीआई ने बिहार के चीफ सेक्रेटरी बी.पी. वर्मा से संपर्क करने की कोशि‍श की कि वह लालू यादव को गिरफ्तार कराएं. लेकिन सीबीआई के अधिकारियों को बताया गया कि चीफ सेक्रेटरी 'उपलब्ध नहीं हैं.' परेशान सीबीआई अ‍फसरों ने इसके बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) से संपर्क किया. डीजीपी ने कहा, 'उन्हें कुछ और समय चाहिए.' सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर यू.एन. बिस्वास ने तब पटना के अपने एसपी से कहा कि वह लालू को गिरफ्तार करने सेना की मदद लें.

इस मसले पर संसद में भी जमकर हंगामा हुआ था. सदन के रिकॉर्ड के मुताबिक तत्कालीन गृह मंत्री इंद्रजीत गुप्ता ने सदन को बताया था कि पटना के सीबीआई एसपी ने दानापुर कैंट के इंचार्ज अफसर को लेटर लिखा था. इसमें उन्होंने लिखा था, 'पटना हाईकोर्ट के मौखिक आदेश के मुताबिक आपसे यह अनुरोध है कि तत्काल कम से कम एक कंपनी सशस्त्र टुकड़ी सीबीआई पार्टी की मदद करने के लिए भेजें जो पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट को तामील करना चाहती है.'

सेना ने तत्काल मदद से किया था इंकार

गुप्ता ने सदन को बताया था कि दानापुर के इंचार्ज सेना अफसर ने इस 'अनुरोध' के बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया था. अफसर ने इस लेटर के जवाब में लिखा था, 'सेना सिर्फ अधिकृत सिविल अथॉरिटीज के अनुरोध पर ही नागरिक प्रशासन में किसी तरह की मदद करता है. इस बारे में सेना मुख्यालय से मार्गदर्शन का इंतजार है.' तो एक तरह से सेना ने मदद से इंकार कर दिया, जिसके बाद सीबीआई ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने असहयोग के लिए बिहार के डीजीपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

इस पार्टी में शामिल हो गए सीबीआई अफसर

तब लालू को गिरफ्तार करने की हिम्मत दिखाने वाले अफसर यू.एन. बिस्वास की ईमानदारी के लिए काफी तारीफ भी हुई थी. लेकिन इस कहानी में एक और ट्विस्ट है. बाद में यह अफसर राजनीति में चले गए और आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि वह किस पार्टी में गए- तृणमूल कांग्रेस. जी हां, ममता बनर्जी ने उन्हें अपनी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का मंत्री बनाया.

Friday, February 1, 2019

चार बार का चैंपियन युवेंटस बाहर, अटलांटा-फियोरेंटीना सेमीफाइनल में

लगातार चार बार कोपा इटैलिया कप फुटबॉल जीत चुकी युवेंटस की टीम इस बार खिताब नहीं बचा सकी। क्वार्टर फाइनल में अटलांटा ने युवेंटस को 3-0 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। युवेंटस के लिए मैच की शुरुआत खराब नहीं रही। पहले 30 मिनट तक दोनों टीमें मैच में बनी थीं और एक भी गोल नहीं हुआ था। इसके बाद अटलांटा ने अटैकिंग खेल दिखाया।

कोपा डेल रे: बार्सिलोना सेमीफाइनल में पहुंचा
अटलांटा की तरफ से पहला गोल 37वें मिनट में टिमोथी कास्टागने ने किया। दो मिनट बाद ही डुवान जाप्टा ने भी गोल कर दिया। 3 मिनट में ही स्कोर 0-0 से 2-0 हो गया। इस झटके से युवेंटस उबर नहीं पाया। युवेंटस के डिफेंडर जॉर्जियो चिलेनी भी फर्स्ट हाफ में चोटिल हो गए। 86वें मिनट में डुवान जाप्टा ने फिर गोल कर दिया। दूसरे क्वार्टर फाइनल में फियोरेंटीना ने एएस रोमा को 7-1 से हरा दिया। अब अटलांटा और फियोरेंटीना के बीच सेमीफाइनल होगा।

कोपा डेल रे के क्वार्टर फाइनल के सेकंड लेग में बार्सिलोना ने सेविला को 6-1 से हरा दिया। बार्सिलोना फर्स्ट लेग में 0-2 से हार गया था। बार्सिलोना के लिए फिलिप कॉटिन्हो ने 13वें और 53वें मिनट में गोल किए। इसके अलावा इवान राकिटिच, सर्जी रॉबर्टो, लुईस सुआरेज और लियोनल मेसी ने भी गोल किए। सेविला की ओर से एराना लोपेस ने गोल किया। बार्सिलोना के अलावा वेलेंसिया और रियल बेटिस क्लब भी सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं।

प्रीमियर लीग: चेल्सी 0-4 से हारा, लिवरपूल का मैच ड्रॉ
इंग्लिश प्रीमियर लीग के मुकाबले में चेल्सी को बॉर्नमाउथ के हाथों 0-4 से हार का सामना करना पड़ा। बॉर्नमाउथ की तरफ से जोशुआ किंग ने दो, डेविड ब्रुक्स और चार्ली डेनियल्स ने 1-1 गोल किया। वहीं लिवरपूल और लीस्टर सिटी के बीच मैच 1-1 से ड्रॉ रहा। लिवरपूल के साडियो माने और लीस्टर के हैरी ने गोल किया।

भारतीय खिलाड़ियों में अंजुम दूसरे नंबर पर
भारतीय खिलाड़ियों में बात करें तो मिताली के बाद अंजुम चौपड़ा (1995-2012) हैं। इन्होंने भारत के लिए 127 मैच खेलकर 31.38 की औसत से 2856 रन बनाए हैं। अंजुम ने एक शतक लगाया है। इनके बाद हरमनप्रीत कौर तीसरे स्थान पर काबिज हैं। हरमनप्रीत ने अब तक 93 मैचों में 34.52 की औसत से 2244 रन बनाए। इसमें 3 शतक शामिल है।

अमेरिका के पेमब्रोक पाइन्स शहर की एक सड़क पर जिस गड्ढे को राहगीर आम टूट-फूट का नतीजा मान रहे थे, जांच में वह 150 फीट लंबी सुरंग निकली। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के मुताबिक, चोरों ने सुरंग को बैंक के बेसमेंट के पास तक खोद लिया था। अब पुलिस इसकी तलाश कर रही है।