Friday, April 5, 2019

43% ने कहा- पीएम पद पर मोदी पहली पसंद, लेकिन 41% मानते हैं उन्होंने राफेल में गड़बड़ी की

नई दिल्ली. देश में भले ही कुछ महीनों से अयोध्या, रफेल और गोरक्षा जैसे मुद्दे चर्चा में रहे हों, लेकिन वोटर इस समय विकास को सबसे अहम चुनावी मुद्दा मान रहा है। यह बात सीएसडीएस-लोकनीति-तिरंगा टीवी-द हिंंदू और दैनिक भास्कर के प्री-पोल सर्वे में सामने आई है। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 43% लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी ही पहली पसंद हैं। हालांकि, 41% लोग मानते हैं मोदी ने राफेल में गड़बड़ी की पर मिनिमम इनकम गारंटी के चुनावी वादे के बावजूद 28% लोग ही चाहते हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें। सिर्फ 3% लोगों के लिए राफेल-मंदिर बड़े मुद्दे हैं। 33% विकास और 25% लोग महंगाई के मुद्दे पर वोट डालेंगे।

सर्वे कैसे हुआ
सर्वे 19 राज्यों में 24 से 31 मार्च के बीच किया गया। इसमें 101 लोकसभा क्षेत्रों की 101 विधानसभा सीटों के 10,010 लोगों ने भाग लिया। सर्वे में कुल 46% महिलाएं, 19% अनुसूचित जाति, 10% अनुसूचित जनजाति, 13% मुस्लिम, 2% ईसाई और 3% सिख मतदाता शामिल थे। यह सर्वे चार भागों में है। आज पढ़िए इसकी पहली कड़ी...

बालाकोट, सवर्ण आरक्षण, किसान सम्मान सबसे असरदार 
सर्वे में कई चौंकाने वाले फैक्टर सामने आए हैं। जैसे- मई 2018 में जहां सिर्फ 34% लोग चाहते थे कि मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें। वहीं 24 से 31 मार्च के बीच किए गए इस प्री पोल सर्वे में 43 फीसदी लोगों ने मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री पद पर देखने की इच्छा जताई। यहां बालाकोट एयर स्ट्राइक, सवर्ण आरक्षण और किसान सम्मान जैसी योजनाओं का असर देखने को मिला।

किसान सम्मान योजना, एयर स्ट्राइक और सवर्ण आरक्षण ने मोदी की लोकप्रियता 9% तक बढ़ाई
इनकंबेंसी की मुखरता में फंसी मोदी सरकार के हालिया तीन फैसले उसे दोबारा सत्ता में दिलाने में मददगार हो सकते हैं। सीएसडीएस-लोकनीति के मार्च के आखिरी हफ्ते में किए गए सर्वे में यह निष्कर्ष सामने आया है। मोदी सरकार ने यह फैसले 7 जनवरी से 26 फरवरी के बीच लिए थे, इससे स्थिति कुछ बदल सकती है। हालांकि इसके बावजूद सत्ता में वापसी बेहद करीबी मामला होने जा रहा है।

मई 2018 : 34% लोग मोदी की वापसी चाहते थे, प्री पोल सर्वे : 43% चाहते हैं मोदी फिर पीएम बनें
7 जनवरी को मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया था। 1 फरवरी को गरीब किसानों के खाते में सीधे धन ट्रांसफर करने की किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी। जबकि फरवरी के आखिरी हफ्ते में पुलवामा हमले के बदले के तौर पर पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी। सर्वे के मुताबिक 43 फीसदी लोग नरेंद्र मोदी की सत्ता में फिर से वापसी चाहते हैं। यह 2014 के चुनाव से सात फीसदी अधिक और मई 2018 के सर्वे की तुलना में नौ फीसदी अधिक है। मई 2018 में 34 फीसदी ने सरकार की वापसी चाही थी। शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि यह इजाफा ऊपर बताए तीन फैसलों की वजह से है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2018 में तीन राज्यों में भाजपा की हार के बावजूद यह बढ़ोतरी हुई है। हालांकि सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वे किन मुद्दों पर वोट देंगे तो सिर्फ चार फीसदी ने एयरस्ट्राइक और तीन फीसदी ने ही सवर्ण आरक्षण को मुद्दा बताया। 33 फीसदी ने विकास, 25 फीसदी ने महंगाई और 20 फीसदी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर वोट डालने की बात कही है।

बालाकोट एयर स्ट्राइक से मोदी को फायदा

पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैंप तबाह करने का फैसला नरेन्द्र मोदी को इस चुनाव में फायदा पहुंचाने वाला हो सकता है। इस एयर स्ट्राइक के बारे में न जानने वाले वोटर्स की तुलना में जानने वाले वोटर्स में मोदी सरकार को एक और मौका देने का प्रतिशत ज्यादा है।

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