Tuesday, November 6, 2018

IL&FS को पहला झटका, वापस लिया जा सकता है जोजिला सुरंग का ठेका

सरकार ने कर्ज से बेहाल कंपनी के आईएलएंडएफएस के नए बोर्ड से पूछा है कि इस प्रॉजेक्ट पर कितनी जल्दी काम शुरू हो सकता है? इस परियोजना के लिए सरकार फिर से बोली मंगाने पर विचार कर सकती है

रजत अरोड़ा, नई दिल्ली 
जम्मू-कश्मीर में रणनीतिक अहमियत वाली जोजिला सुरंग का जो ठेका इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशल सर्विसेज (IL&FS) को दिया गया था, उसके लिए फिर से बोली मंगाई जा सकती है। सरकार ने कर्ज से बेहाल IL&FS के नए बोर्ड से पूछा है कि इस प्रॉजेक्ट पर कितनी जल्दी काम शुरू हो सकता है? जोजिला प्रॉजेक्ट के तहत 14.2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जानी है, जो सड़क मार्ग के लिए सबसे लंबी टनल होगी। यह सुरंग 11,578 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाई जाएगी। IL&FS ने पिछले साल यह ठेका हासिल किया था और इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई में कश्मीर यात्रा के दौरान किया था।

तय समय पर काम पूरा न होने का डर
IL&FS के वित्तीय संकट में फंसने के बाद रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री को यह डर सता रहा है कि इस प्रॉजेक्ट का काम शायद तय समय पर पूरा न हो पाए। नैशनल हाइवेज ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन मिनिस्ट्री की तरफ से इस प्रॉजेक्ट को हैंडल कर रहा है। एक सीनियर गवर्नमेंट ऑफिसर ने बताया, 'हमने उनसे (IL&FS) पूछा है कि क्या वे प्रॉजेक्ट को हैंडल करने में सक्षम हैं? सरकार इसमें देरी बर्दाश्त नहीं कर सकती। अगर इसकी आशंका होगी तो हम प्रोजेक्ट के लिए नए सिरे से बोली मंगाएंगे।'

ज्वाइंट मैकेनिज्म बनाने का सुझाव 
अधिकारी के मुताबिक, मंत्रालय IL&FS की मदद करना चाहता है। कंपनी के पास जो नैशनल हाइवेज प्रॉजेक्ट्स हैं, उनके लिए उसने जॉइंट मैकनिजम बनाने का सुझाव दिया है। IL&FS का नया बोर्ड उम्मीद कर रहा है कि पुराने हाइवेज प्रॉजेक्ट्स में हिस्सेदारी बेचने से कंपनी को 20 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। उन्होंने बताया, ‘अगर वे ऑपरेशनल नैशनल हाइवे प्रॉजेक्ट्स को बेचना चाहते हैं, तो हम उसके लिए तुरंत मंजूरी देंगे। हम आर्बिट्रेशन केस को भी जल्द-से-जल्द सुलझाना चाहते हैं।’ 

IL&FS के पास 17 NH प्रॉजेक्ट
IL&FS और उसकी सब्सिडियरीज के पास 17 नैशनल हाइवे प्रॉजेक्ट्स हैं। इनमें से चार निर्माणाधीन हैं। इन प्रॉजेक्ट्स की लागत कम-से-कम 15 हजार करोड़ रुपये होगी। जोजिला सुरंग बनाने का ऐलान पहली बार यूपीए 2 सरकार के कार्यकाल में हुआ था। उसके बाद आई एनडीए सरकार ने 2016 में इस प्रॉजेक्ट को आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर को दिया था, लेकिन इस टेंडर को बाद में कैंसल कर दिया गया। उसके बाद सरकार ने प्रॉजेक्ट को इंजिनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मॉडल पर बनवाने का निर्णय लिया, जिसके लिए IL&FS की सब्सिडियरी ने बोली जीती। 

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